ट्रस्ट के उपाध्यक्ष स्व. छीतरमल जैन जी पाटनी को श्रद्धांजलि अर्पित
श्री दिगम्बर जैन शाश्वत तीर्थराज सम्मेद शिखर ट्रस्ट, मधुबन के निहारिका परिसर में ट्रस्ट के न्यासी तथा उपाध्यक्ष श्री छीतरमल जैन जी पाटनी के स्मृति में शोक सभा का आयोजन सुबह 10ः30 बजे किया गया, उनके परलोक गमन पर ट्रस्ट के कर्मचारी एवं लगभग सभी संस्था के पदाधिकारी, प्रबंधक, कर्मचारी समेत आस-पास के प्रबुद्ध लोगों ने भी शोक सभा में पहुँच कर श्री छीतरमल जी के लिए 2 मिनट का मौन रखा, सभी ने उनके लिए श्रद्धा सुमन श्रद्धांजलि, पुष्पांजलि व बाक्यांजलि अर्पित किए व दिवगत आत्मा की शांति के लिए परम पिता परमेश्वर से प्रार्थना की, ट्रस्ट के कोषाध्यक्ष सी.ए. महेन्द्र जी जैैन-रांची ने बताया की ट्रस्ट के अध्यक्ष श्री शिखरचंद जी पहाड़िया-मुम्बई, उपाध्यक्ष श्री संतोष जैन पेंढारी-नागपुर, उपाध्यक्ष श्री प्रदीप जैन (पी.एन.सी.)-आगरा, न्यासी श्री देवेन्द्र जी जैन (आईनोक्स)-दिल्ली, न्यासी श्री जम्बूप्रसाद जी जैन-गाजियाबाद, न्यासी विमल पाटनी-कोलकाता, मंत्री श्री प्रभात सेठी-गिरिडीह समेत ट्रस्ट के वर्तमान व पूर्व के लगभग सभी न्यासियों, पदाधिकारीयों समेत देष के विभिन्न क्षेत्रों के प्रबुद्ध लोगों ने फोन, मैसेज व अन्य इलेक्ट्रीक मीडीया के माध्यम् से गहरी शोक जाहीर की है, ट्रस्ट के महामंत्री श्री राजकुमार जैन अजमेरा-हजारीबाग ने कहा आज तीया पर उनके निवास स्थल हजारीबाग में श्री कन्हैयालाल जी सेठी-औरंगाबाद, श्री ताराचंद जी छाबड़ा-देवघर, श्री सुरेश झांझरी-कोडरमा, श्री प्रकाशचंद जी सेठी-रांची, श्री पुरणमल जी सेठी-रांची, श्री पदम कुमार जी छावड़ा-रांची, श्री प्रदीप काला जी-रांची, श्री राजेश सेठी जी-सरिया, श्री एम.पी. अजमेरा जी-रांची, श्री अरूण गंगवाल जी-रांची, श्री अजय गंगवाल-रांची, श्री कमल गंगवाल-कोलकाता व हजारीबाग के कई प्रबुद्ध लोगों समेत मैं स्वयं भी उपस्थित हो कर शोकाकुल परिवार को संतावना दिया ।
साथ ही महामंत्री महोदय ने बाताया श्री छीतरमल जी के निधन की खबर ने ट्रस्ट महापरिवार को स्तब्ध कर दिया है, वे एक कर्मठ समाजसेवी थें और सम्मेदशिखरजी के विकास के लिए अहर्निश परिश्रम किया करते थें। स्मृतिशेष छीतरमल जैन जी पाटनी का श्री सम्मेदशिखर सिद्धक्षेत्र में अमूल्य योगदान केवल शाश्वत ट्रस्ट के सुसंचालन में ही नहीं रहा, बल्कि इस सिद्धक्षेत्र की लगभग सभी संस्थाओं के अतिरिक्त, झारखण्ड और बिहार राज्य के धर्मायतनों के संरक्षण एवं संवर्धन में भी रहा। उनके नेतृत्व की सक्रियता ने शाश्वत ट्रस्ट के बहुआयामी योगदानों से समस्त भारत की जैन समाज को परिचित कराया है, उनके अतुलनीय योगदान कभी विस्मृत नहीं किये जा सकेंगे, उन्होंने अपने अनुभव, बुद्धि और विवेक की युति से जटिल समस्याओं का समाधान निकालने के कौशल से सभी को विस्मित किया था। वे एक सुश्रावक थे, देव, शास्त्र और गुरु की अराधना करते-करते, समता भाव से इस नश्वर शरीर का उन्होंने परित्याग किया, इस तरह से हम सभी के बीच से उनका अचानक चले जाना हम सभी के लिए अनभ्र वज्रपात है, हम सभी अश्रुपूरित नेत्रों से स्मृतिशेष छीतरमल जैन पाटनी को श्रद्धांजलि अर्पित करते हैं और वीर प्रभु के चरणों में प्रार्थना करते हैं कि उनकी आत्मा को शान्ति प्रदान करने का आशीष दें एवं उनके परिवार को इस असहनीय दुःख को सहने की शक्ति भी प्रदान करें। शोक सभा के मौके पर उत्तरप्रदेष प्रकाष भवन के महामंत्री श्री जवाहर लाल जी जैन-सिकदंराबाद, कोषाध्यक्ष श्री एम. एस. जैन-मेरठ, प्रबंधक सुजीत सिन्हा, जैन श्वेताम्बर कोठी के प्रबंधक संजीव पांडे, आनीनंदा पारसनाथ के प्रबंधक श्री सुधीर जैन, ट्रस्ट के प्रबंधक श्री संजीव जैन ट्रस्ट के श्री अनूप जैन, श्री शैलेंद्र जैन, अषोक दास, ए. सईदी, श्री गंगाधर महतो, श्री नागेश्वर महतो, रोबीन बनर्जी, मुकेष महतो, श्रीराम, श्री बुलाकी राम, श्री कमलपत ठाकुर, श्री तपन मंडल, श्री धनकिषोर मोहली, बढ़नी देवी, नीतु देवी, बसंती देवी समेत लगभग ट्रस्ट के सभी कर्मचारी उपस्थित थें वही मधुबन के अन्य संस्था के प्रबंधकों में आदि कई लोगों उपस्थित हुए।
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