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ट्रस्ट द्वारा संचालित यात्री भोजनालय पुनः प्रारंभ

ट्रस्ट द्वारा संचालित यात्री भोजनालय पुनः प्रारंभ

जैसा कि आप सभी को पता है कि वर्तमान समय में पूरा विश्व और हमारा देश कोरोना जैसी महामारी से जुझ रहा है, ऐसे में लंम्बे समय से विश्व विख्यात श्री सम्मेदशिखर जी जैनियों की महानतम् तीर्थस्थली जहाँ 24 तीर्थंकरों में से 20 तीर्थंकरो ने निर्वाण प्राप्त किया है, जिनके पूजन अर्चना के लिये देश-विदेश से लाखों तीर्थ यात्री प्रति वर्ष आते हैं वहां यात्री का आवागमन भी लगभग पूर्णतया बंद ही रहा ।

बताते चले कि कोरोना को देखते हुए सुरक्षा और बचाव के मद्देनजर सरकार के द्वारा अनलाॅक 5 का दिशानिर्देश भी प्राप्त हुआ था अब शिखरजी में यात्रियों का आवागमन धीरे धीरे जारी हो गया है जिसको देखते हुए ट्रस्ट के महामंत्री श्री राजकुमार जैन अजमेरा के निर्देशानुसार ट्रस्ट के यात्री भोजनालय को आज (दिनांक 14 नवंबर 2020) पुनः प्रारंभ कर दिया गया है।

यात्री भोजनालय भुतपूर्व अध्यक्ष स्व. श्री साहू अशोक कुमार जैन (चेयरमैन टाइम्स ऑफ इंडिया) की प्रेरणा एवं सहयोग से दिनांक 31 जनवरी 1999 को बिसपंथी कोठी के प्रांगण में किया गया था। कुछ समय बाद इस भोजनलय का दूसरी जगह स्थंतरण किया गया, बिहार राज्य के उस समय के तत्कालीन महामहिम राज्यपाल स्व. श्री एम.रामा जायिस के सानिध्य में धर्माधिकारी श्री डी. वीरेन्द्र हेगड़े के कर कमलों से दिनांक 28 जनवरी 2003 में लोकापर्ण किया गया।  ट्रस्ट का उद्देश्य श्री सम्मेद्शिखरजी में आने वाले सभी तीर्थ यात्रियों को शुद्ध भोजन मिले इसी उद्देश्य से आज निरंतर यात्री भोजनालय अपने पथ पर अग्रसर है जो ट्रस्ट को गौरवान्वित करता रहेगा ।

यात्री भोजनालय की खास बातें जो इसे दूसरों से अलग बनाती है :-

* एक समय में 200 यात्रियों को भोजन कराने की क्षमता ।

* ज़मीकंद पर प्रतिबंध है।

* रात्रि भोजन में पूर्णता प्रतिबंध ।

* भोजन बनाने में शुद्धता का संपूर्ण ध्यान भी रखा जाता है।

* भोजन बनाने में छना पानी उपयोग किया जाता है।

* जैन धर्म के आधार पर अष्टमी और चतुर्दशी को हरी सब्जी नहीं बनती है।

* आपके दान व सहयोग से संचालित।

ट्रस्ट द्वारा संचालित यात्री भोजनालय पुनः प्रारंभ

ट्रस्ट की सहायता कैसे करें ?

आप अपने यहां विधान-पंचकल्याण, विवाह, जन्मदिवस आदि खुशी के अवसर पर या अपने किसी प्रियजन की स्मृति में ट्रस्ट की आर्थिक सहायता कर सकते हैं। ट्रस्ट छोटी से छोटी राशि भी स्वीकार करता है। आप निम्न प्रकार दान देने या दिलाने पर ट्रस्ट के सदस्य बन सकते हैं। आपको दान में आयकर की धारा  80G के अन्तर्गत कर मुक्त की सुविधा भी प्राप्त होती है।

-: परम संरक्षक :-

Rs. 500000/- इस सहयोग से आपको ट्रस्ट का न्यासी बनने का भी अवसर प्राप्त हो सकता है।

-: सम्माननीय संरक्षक :-

Rs.125000/-इस सहयोग से आपको ट्रस्ट का न्यासी बनने का भी अवसर प्राप्त हो सकता है।

-: विशिष्ट  सदस्य :-

Rs.125000/- इस सहयोग से आपको ट्रस्ट का न्यासी बनने का भी अवसर प्राप्त हो सकता है।

-: आजीवन  सदस्य :-

Rs.5100/- इस सहयोग से आपको ट्रस्ट का न्यासी बनने का भी अवसर प्राप्त हो सकता है।

आहार दान में सहयोगी बन पुण्यार्जन करें।

Rs.41000/-  एक बार देने पर वर्ष में एक दिन दोनों समय का भोजन आपके नाम से भोजनशाला में यात्री को कराया जायेगा और आपका नाम ट्रस्ट द्वारा संचालित भोजनशाला के पट्ट पर सुन्दर अक्षरों में अंकित किया जायेगा।

Rs. 21000/- एक बार देने पर वर्ष में एक दिन एक समय का भोजन आपके नाम से भोजनशाला में यात्री को कराया जायेगा। और आपका नाम ट्रस्ट द्वारा संचालित भोजनशाला के पट्ट पर सुन्दर अक्षरों में अंकित किया जायेगा।

Rs.5100/-  एक बार देने पर भोजनशाला के भी आजीवन सदस्य बनतें है और आपका नाम ट्रस्ट द्वारा संचालित भोजनशाला के पट्ट पर सुन्दर अक्षरों में अंकित किया जयोगा।

Rs. 2500/-  देकर भोजनशाला में आप एक समय का भोजन अपने नाम पर या अपने किसी भी सदस्य के नाम पर करवा सकते हैं।

धन्यवाद ।

ट्रस्ट द्वारा संचालित यात्री भोजनालय पुनः प्रारंभ

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