पूर्व मध्य रेलवे के महाप्रबंधक का जत्था पहुंचा मधुबन शाश्वत ट्रस्ट के महामंत्री के ओर से ट्रस्ट के अधिकारियों ने सौंपा ज्ञापन
जैनियों के विश्व प्रसिद्ध तीर्थस्थल श्रीसम्मेदशिखरजी रेलवे के महाप्रबंधक श्री अनिल कुमार खण्डेलवाल एवं मण्डल प्रबंधक धनबाद श्री कमल किशोर सिन्हा मधुबन पहुंचे, उनके साथ रेलवे अपर मण्डल प्रबंधक श्री विनीत कुमार एवं श्री अमित कुमार, वरीय मण्डल वाणिज्य प्रबंधक श्री अमरेश कुमार, वरीय सुरक्षा मण्डल सुरक्षा आयुक्त मो सरफराज अहमद, वरीय मण्डल संकेत एवं दूरसंचार श्री गौतम गुप्ता, वरीय मण्डल अभियंता श्री सूरज कुमार, श्री आलोक कुमार समेत कई अन्य अधिकारी उपस्थित रहें, उन्होंने मधुबन में र्स्वप्रथम श्री दिगम्बर जैन शाश्वत तीर्थराज सम्मेदशिखर ट्रस्ट के निहारिका परिसर में स्थित कलश मंदिर का दर्शन किया, ट्रस्ट के महामंत्री श्री राजकुमार जैन अजमेरा - हजारीबाग के निर्देश पर ट्रस्ट के अधिकारियों ने तिलक एवं दुपट्टा से रेलवे के सभी अधिकारियों का सम्मान किया एवं ट्रस्ट के महामंत्री के ओर से पारसनाथ स्टेशन और मधुबन पी. आर. एस. की सुविधा को बढ़ाने के लिए ट्रस्ट के अधिकारियों ने ज्ञापन सौंपा, मांग पत्र में श्री सम्मेदशिखरजी की महिमा का वर्णन करते हुए कई आठ मुख्य बींदुओं की मांग की, मांग पत्र में कहा श्री सम्मेदशिखर (पारसनाथ) “जिला-गिरिडीह में स्थित” अल्पसंख्यक जैन धर्मावलम्बियों का विश्व में सबसे बड़ा एवं पूजनीय तीर्थस्थल है। यह क्षेत्र पारसनाथ स्टेशन से लगभग 25 किलोमीटर दूरी पर है एवं सभी ट्रैन से आने वाले यात्री इसी स्टेशन का इस्तेमाल करते हैं एवं धनबाद से इसकी दूरी लगभग 50 किलोमीटर है, भारत के सर्वाधिक महत्वपूर्ण तीर्थ स्टेशन होने पर भी “पारसनाथ स्टेशन” रेल विभाग द्वारा उपेक्षित रहा है। हर वर्ष श्री सम्मेदशिखर क्षेत्र के दर्शन करने हेतु लाखों यात्री आते हैं एवं ज्यादातर यात्रियों के लिए पारसनाथ स्टेशन का इस्तेमाल करना सर्वाधिक सुविधाजनक होता है ।
श्री राजकुमार जैन अजमेरा ने समस्त जैन समुदाय एवं अन्य यात्रियों की ओर से ज्ञापन में मांग करते हुए लंबित कार्यों की स्वीकृत प्रदान करने के साथ आठ मुख्य बिन्दुओं में पहला मांग पारसनाथ, मधुबन, गिरिडीह, नई रेल लाईन का कार्य स्वीकृत हो चुका है, इसके माध्यम से पारसनाथ से मधुबन की दुरी मात्र 13.7 किलोमीटर रह जाती है, शिलान्यास 4 मार्च 2019 को हुआ था, केन्द्र सरकार ने अपने बजट में इसकी राशि की स्वकृति भी प्रदान की है, इसके वावजूद जमींन पर कोई कार्य होता नहीं दिख रहा है इसे प्राथमिकता के आधार पर अतिशीघ्र करने, दुसरा मांग गरबा एक्सप्रेस 12937-12938, हावड़-दिल्ली दूरन्तो एक्सप्रेस 12274-12275, हमसफर एक्सप्रेस 22318 एवं भुवनेष्वर-आनंद विहार टर्मिनल 22805-22806 का ठहराव पारसनाथ स्टेशन पर किया जाए एवं झारखण्ड स्वर्ण जयन्ती एक्सप्रेस 12817-12818, रांची एलटीटी एक्सप्रेस 18609-18610, आरा रांची आरा एक्सप्रेस 18639-18640, सियालदह नई दिल्ली सियालदह राजधानी 12313-12314 एवं रांची नई दिल्ली रांची राजधानी एक्सप्रेस 12839-12840 जो रांची से चल कर पारसनाथ स्टेशन को पार करते हुए बीना रूके अपने गनतव्य को जाती है उक्त सभी ट्रेनों का ठहराव पारसनाथ स्टेशन पर किया जाए, तिसरा मांग ट्रेनों के ठहराव का समय को बढ़ाने की मांग, चौथा मांग अयोध्या रेलवे स्टेशन के तर्ज पर भगवान पारसनाथ की एक आप्रतिष्टित प्रतिमा (मूर्ती) का अनावरण पारसनाथ स्टनेश हो, पांचवा मांग शिखरजी मधुबन रेलवे का एक पी. आर. एस. काउन्टर है जिसका समय सीमा दोपहर 02:00 बजे से तक उसकी समय सीमा को बढ़ा कर रात्री 08:00 बजे तक हो जाने से पर्वत वन्दना कर आने वाले तीर्थयात्रियों को लाभ मिल सकेगा, चुकी पर्वत वन्दना को जाने वाले तीर्थयात्रियों का लौटने का समय दोपहर के बाद का होता है जिस समय रेलवे काउन्टर बंद हो जाता है और प्राय: सभी तीर्थयात्री लाभ से वंचित रह जाते हैं, छठा मांग पारसनाथ स्टेशन पर टीकट बुकिंग हेतु अतिरिक्त एक पी.आर.एस. और एक यु.टी.एस. काउंटर की मांग, सातवां मांग पारसनाथ स्टेशन पर एक अतिरिक्त आर.पी.एफ. कार्यालय की सुविधा हो, इसी प्रकार श्री राजकुमार जैन अजमेरा ने अपने आठवें मांग में कहा देश ही नहीं विदेश से भी तीर्थयात्रियों का आवागमन पारसनाथ स्टेशन पर होता है जिससे आप सभी अवगत ही हैं, वर्तमान समय में स्टेशन पर जो प्रतीक्षा कक्ष वो वातानुकूलित नहीं है उच्च स्तर के तीर्थयात्रियों के सुविधा हेतु एक अतिरिक्त वातानुकूलित प्रतीक्षा कक्ष हो जाने से यात्रियों को इसका लाभ मिलेगा। मौके पर ट्रस्ट के प्रबंधक श्री संजीव जैन, ए. सईदी, श्री गंगाधर महतो, प्रकाश भवन के प्रबंधक श्री सुजीत सिन्हा, शांतिधाम के प्रबंधक श्री प्रभाष जैन, मुकेश महतो, श्री शैलेन्द्र जैन समेत दर्जनों लोग उपस्थित थें।
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