ट्रस्ट के ओर से मुख्यमंत्री को पत्र
विश्व विख्यात श्री सम्मेदशिखर जी जैनियों की महानतम् तीर्थस्थली है जहाँ 24 तीर्थंकरों में से 20 तीर्थंकरो ने निर्वाण प्राप्त किया है, जिनके पूजन अर्चना के लिये देष-विदेष से लाखों तीर्थ यात्री प्रति वर्ष आते हैं।
बताते चले कि कोरोना को देखते हुए सुरक्षा और बचाव के मद्देनजर सरकार के द्वारा अनलॉक 5 का दिषानिर्देष दिनांक 01/10/2020 को जारी किया गया था, दिनांक 07/10/2020 को सरकार के निर्देष पर अनलॉक 05 के लिए जिला प्रषासन और शिखरजी के सभी संस्थानों के ट्रस्टी व प्रबंधकों के साथ एक अहम बैठक हुई थी, बैठक के निर्णयानुसार जिला प्रशासन द्वारा श्री सम्मेदखिरजी में श्रद्धालुओं को पुनः आगमन कराने के साथ-साथ कोरोना से बचाव के लिए कई राहत के कार्य किये जा रहें हैं। जिला प्रशासन द्वार एक निः शुल्क कोविड टेस्टिंग कैम्प श्री सम्मेदशिखरजी के मुख्य मार्ग पर लगाया है जो भी श्रद्धालु बाहर राज्य से श्री सम्मेदशिखरजी की यात्रा पर आ रहें हैं उन्हे प्रवेश के पूर्व ही कोरोना का टेस्ट कराना होता है। यदि टेस्टिंग रिर्पोट नेगेटिव होती है तो उन श्रद्धालुओं को ही श्री सम्मेदशीखरजी में प्रवेश की अनुमति मिलती है। साथ ही कोराना से बचाव के सभी निर्देषों का पालन करना होता है जैसे मास्क, सेनेटाईज़र, सोषल डिस्टेंसिंग आदि।
शाश्वत ट्रस्ट के महामंत्री राजकुमार जैन अजमेरा ने बताया अनलॉक की सूचना से बाहर से आने वाले श्रद्धालुओं व आस-पास के लोगों में काफी उत्साह दिखाई पड़ रहा था सभी लोग अपने-अपने रोजगार की आशा देख रहे थें, अनलॉक 5 एवं बैठक सम्पन्न होने के बाद शिखरजी के सभी मंदिर, धर्मशालाएं एवं दुकानें तो खुल गई लेकिन बाहर से आने वाले श्रद्धालुओं में निराशा साफ दिख रही है जिसका सबसे बड़ा कारण है अनलॉक 5 के दिषानिर्दश एवं बैठक में लिए गये कुछ निर्णय, इसके लिए पुनः एक पत्र भारतवर्षीय दिगंबर जैन तीर्थ क्षेत्र कमेटी कि ओर से भेजा जा रहा है जिसमें बिन्दुओं पर विचार किया जाना आवष्यक है:-
• बाहर से आने वाले श्रद्धालुओं को 14 दिनों का कोरोनटाईन करने की सूचना पहूचने के कारण लगभग सभी श्रद्धालु षिखरजी नहीं आना चाह रहें हैं।
• वर्तमान में प्रषासन के निर्देषानुसार नेगेटिव रिर्पोट वाले श्रद्धालुओं प्रवेष की अनुमती है उनकी 14 दिनों की कोरोनटाईन अवधि को समाप्त किया जाये।
• जो श्रद्धालु अपना कोरोना रिर्पोट लेकर आते है उन्हें सीधा प्रवेष की अनुमति दी जाये।
• श्री सम्मेद्शिखरजी में कोई भी श्रद्धालु केवल दो से चार दिनों के लिए ही यात्रा करने आते हैं, दर्षन के उपरान्त दर्षनार्थी यदि तीन से चार दिन में वापस जाना चाहते है तो उन्हे वापस जाने की अनुमति दी जाये।
• श्री सम्मेद्शिखरजी के सबसे निकट रेलवे स्टेषन पारसनाथ रेलवे स्टेषन है जहां वर्तमान में तीन ट्रेन ही रूक रही है जिससे यात्रा पर आने वाले श्रद्धालुओं को काफी परेषानी हो रही है, इस लिए पारसनाथ रेलवे स्टेषन पर सभी ट्रेनों के टहराव की व्यवस्था कि जायें।
• श्रद्धालुओं के आवागमन नहीं होने के कारण इसका सीधा असर यहां के लोगों के रोजगार, धर्मषाला, वाहन चालक, व्यवसाय, डोली मजदूर आदि पर पड़ रहा है इस लिए अतिशीघ्र विचार किया जाये।
राजकुमार जैन ने अपने पत्र में हेमंत सरकार को धनीवाद देते हुए कहा हमें आषा ही नहीं अपितु पूर्ण विष्वास है की आप जैसे कर्मठ, ”राज्य के मुखिया” जिनकी देख रेख में राज्य निरंतर उन्नति की ओर बढ़ रही है, आपने श्री सम्मेदशिखरजी के साथ-साथ पुरे झारखण्ड के धार्मिक स्थल (मंदिर, मस्ज़िद, जहर थान, चर्च, गुरूद्वारा आदि) को पुनः प्रारम्भ कर एक सच्चे धर्मयोद्धा और निष्पक्ष राजनेता होने का परिचय दिया है जिसे राज्य के लोग हमेशा याद रखेगें।
3 Comments
कोरोना महामारी के बचाव के सभी नियमों को ध्यान में रखते हुए श्री सम्मेद शिखर को खोला जाना चाहिए।
आपने जो भी मांगे रखी है सरकार से वे सर्वदा सत्य है हम सहमत हैं।
Very good Sir
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