ट्रस्ट की स्थापना: एक लम्बे समय से तीर्थक्षेत्र कमेटी में यह विचार चल रहा था कि शिखरजी जैनों का सबसे बड़ा अनूठा तीर्थ है। जहां शिखरजी के लिए दिया हुआ दान शिखरजी के विकास व यात्रियों की सुख - सुविधार्थ लगे। ये विचार चल ही रहा था कि उन्ही दिनों साहू अशोक कुमार जैन का प0पू0 आचार्य विद्यासागरजी महाराज के दर्शनों के लिए जाना हुआ। आचार्य श्री ने पलक झपकते ही समस्या का हल कर उन्होंने श्री दिगम्बर जैन शाश्वत तीर्थराज सम्मेदशिखर ट्रस्ट हेतु मार्ग दशर्न एवं आशीर्वाद दिया।
06 जनवरी सन् 1997 को इस ट्रस्ट का गठन किया गया। श्री दिगम्बर जैन शाश्वत तीर्थराज सम्मेदशिखर ट्रस्ट के नाम से पंजीयण 76, Book No. IV, Volume No.2528, Delhi में किया गया । यह आयकर की धारा 80G के अन्तर्गत कर मुक्त पर आधारित है। देश व विदेश से देव शास्त्र गुरू में श्रद्धा रखने वाला कोई भी महिला या पुरूष इस ट्रस्ट का सदस्य बन सकता है।
ट्रस्ट का संचालन: ट्रस्ट का संचालन भारतवर्ष के समस्त दिगम्बर जैन समाज के सहयोग से होता है। ट्रस्ट के 35 न्यासियों का चयन तीन वर्ष के लिए किया जाता है।
ट्रस्ट की सेवाएं: प्रराम्भ में 31 जनवरी 1999 को बीसपंथी कोठी में उन्हीं के द्वारा प्रदत्त स्थान पर निःशुल्क भोजनालय खोल दिया गया। शिखरजी में ही नहीं बलकी पूरे तीर्थक्षेत्रों में यह एक अनूठा प्रयास था। यात्रियों ने खाना बेहद पसंद किया, भीड़ का सागर उमड़ता गया। सन् 2000 में श्री गजराज गंगवाल का एक रिजोर्ट लेने की बातचीत फाइनल हो गई सन् 2001 में नई भोजनशाला का निर्माण शुरू हो गया। दिल्ली में रथ प्रवर्तन से श्री श्रीकिशोर जैन व श्री चक्रेश जैन द्वारा एकत्रित की हुई राशि से जो धन एकत्रित हुआ, श्री छीतरमल जैन पाटनी - हजारीबाग व श्री सुभाष जैन - दिल्ली के देख - रेख में यह भोजनशाला व शाश्वत भवन बनकर तैयार हुआ। उसके बाद शाश्वत ट्रस्ट के सामने ही एक बहुत बड़ा भूखण्ड क्रय किया गया जिस पर वर्तमान में कई फ्लैट एवं 130 कमरे बनकर तैयार हैं। जिनको निहारिका, एनेक्सी, सुपर डिलक्स, डिलक्स, मंगलम, शुभम आदि नामों से जाना जाता है। वर्तमान में निर्माण एवं रख-रखाव ट्रस्ट के महामन्त्री श्री राजकुमार जैन अजमेरा - हजारीबाग वालों की देख-रेख में चल रहा है। वर्तमान में ट्रस्ट के अध्यक्ष श्री जम्बूप्रसाद जी जैन-गाज़ियाबाद एवं अनुभवी कोषाध्यक्ष श्री महेंद्र कुमार जैन - रांची वाले हैं।
23 जनवरी 2003 वह स्वर्णिम अवसर आया जब आधुनिक उपकरणों सहित भोजनालय तैयार हो गया, जिसका उद्घाटन समाज के ख्याति प्राप्त धर्माधिकारी श्री वीरेन्द्र हेगड़े एवं महामहिम एम.रामा जायस राज्यपाल झारखण्ड के कर कमलों से हुआ। शाश्वत विहार (निहारिका) का शिलान्यास 28 जुलाई 2007 को श्री देवेन्द्र कुमार जैन सिद्धौमल चैरिटेबल ट्रस्ट- दिल्ली ने किया व 15 फरवरी 2009 को आचार्य श्री वर्धमानसागर जी महाराज के सान्निध्य में निहरिका का लोकार्पण किया गया। इसके अलवा ट्रस्ट त्यागी भवन, वनवासी कल्याण केन्द्र, वाचनालय, लाॅकर, दिव्यंग शिविर, मंदिरों के दर्शन हेतु वाहन, एम्बुलेंस, दवाएं व शिखरजी के आस-पास के क्षेत्रों में गरीब बच्चों को शिक्षा कार्य में योगदान कर रहा है ।